Cheque Bounce Law Update: 6 महीने में निपटेगा मामला, चेक बाउंस पर मिलेगी 2 साल की सजा

चेक बाउंस एक ऐसा वित्तीय अपराध है जो तब होता है जब कोई व्यक्ति चेक जारी करता है, लेकिन उसके बैंक खाते में पर्याप्त राशि नहीं होती है। यह स्थिति न केवल चेक धारक के लिए समस्या उत्पन्न करती है, बल्कि चेक जारी करने वाले व्यक्ति के लिए भी कानूनी परिणाम हो सकते हैं। भारत में, चेक बाउंस को लेकर कड़े कानून हैं, जो न केवल दंड का प्रावधान करते हैं, बल्कि इससे जुड़े कानूनी प्रक्रियाओं को भी निर्धारित करते हैं। इस लेख में हम चेक बाउंस के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसकी सजा, कानूनी प्रावधान और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

चेक बाउंस: समझें क्या है यह समस्या

चेक बाउंस तब होता है जब चेक धारक द्वारा जारी किया गया चेक बैंक द्वारा अस्वीकृत कर दिया जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि खाते में पर्याप्त धनराशि का न होना, चेक की वैधता समाप्त होना, या चेक पर दिए गए हस्ताक्षर का मेल न खाना। जब ऐसा होता है, तो चेक धारक को न केवल वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है, बल्कि चेक जारी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

चेक बाउंस होने के कारण

  • अपर्याप्त धनराशि: यदि चेक जारी करने वाले के खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं है।
  • हस्ताक्षर का मेल न खाना: अगर चेक पर हस्ताक्षर बैंक के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते।
  • चेक की वैधता समाप्त होना: यदि चेक की तारीख बीत चुकी है।
  • खाता संख्या का गलत होना: अगर खाता संख्या गलत लिखी गई हो।
  • चेक का कटना या फटना: यदि चेक फटा हुआ या कट गया हो।

चेक बाउंस पर कानूनी प्रावधान

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भारत में, चेक बाउंस के मामलों को “Negotiable Instruments Act, 1881” के तहत नियंत्रित किया जाता है। इस अधिनियम की धारा 138 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर या लापरवाही से चेक बाउंस करता है तो उसे दंडित किया जा सकता है।

सजा और दंड

सजा का प्रकारविवरण
कारावासअधिकतम 2 वर्ष तक की सजा हो सकती है।
आर्थिक दंडचेक की राशि की दोगुनी राशि तक का जुर्माना।
जमानती अपराधयह अपराध जमानती होता है, यानी अभियुक्त को जमानत मिल सकती है।

कानूनी प्रक्रिया

  1. लीगल नोटिस भेजना: जब चेक बाउंस होता है, तो पहले 30 दिनों के भीतर एक लीगल नोटिस भेजा जाता है।
  2. 15 दिनों का समय: नोटिस प्राप्त करने के बाद, व्यक्ति को 15 दिनों के भीतर जवाब देना होता है।
  3. मामला दर्ज करना: यदि उत्तर नहीं मिलता है, तो शिकायतकर्ता अदालत में मामला दर्ज कर सकता है।

क्या करें अगर आपका चेक बाउंस हो जाए?

यदि आपका चेक बाउंस हो जाता है, तो आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  • बैंक से संपर्क करें: पहले अपने बैंक से संपर्क करें और जानें कि क्यों आपका चेक बाउंस हुआ।
  • लीगल नोटिस भेजें: यदि आप किसी अन्य व्यक्ति को भुगतान कर रहे थे और उनका चेक बाउंस हुआ, तो उन्हें लीगल नोटिस भेजें।
  • समझौता करें: कई बार आपसी सहमति से मामले को सुलझाया जा सकता है।

महत्वपूर्ण बातें

  • चेक बाउंस एक वित्तीय अपराध माना जाता है।
  • यह जमानती अपराध होता है।
  • अधिकतम सजा 2 वर्ष तक हो सकती है।
  • आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।

निष्कर्ष

चेक बाउंस एक गंभीर समस्या है जो न केवल वित्तीय नुकसान पहुंचाती है बल्कि कानूनी परेशानियों का भी कारण बन सकती है। इसलिए हमेशा सुनिश्चित करें कि जब आप किसी को चेक दें तो आपके खाते में आवश्यक धनराशि उपलब्ध हो। इसके अलावा, यदि आपको कभी भी इस समस्या का सामना करना पड़े तो उचित कानूनी सलाह लेना महत्वपूर्ण होगा।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे कानूनी सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी कानूनी मामले में विशेषज्ञ से संपर्क करें।

इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करना आवश्यक हो सकता है ताकि आप किसी भी संभावित कानूनी समस्याओं से बच सकें।

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