Railway Name Change: इन 8 स्टेशनों का नाम बदल दिया गया, जानिए नया नाम और वजह!

उत्तर प्रदेश में 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, जिससे इन स्टेशनों की पहचान और संस्कृति को एक नया रूप मिला है। यह कदम स्थानीय विरासत को संरक्षित करने और इन क्षेत्रों के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

बदले हुए नाम न केवल इन स्टेशनों को एक नई पहचान देंगे, बल्कि यात्रियों को इन स्थानों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित कराएंगे। यह परिवर्तन उत्तर प्रदेश के परिवहन इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देना है। इन स्टेशनों के नए नाम स्थानीय मंदिरों, संतों और स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित हैं, जो इन क्षेत्रों के इतिहास और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

यह कदम न केवल इन स्टेशनों को एक नई पहचान देगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि यात्री इन स्थानों की सांस्कृतिक विरासत के बारे में अधिक जानने के लिए उत्सुक होंगे।

यह परिवर्तन उत्तर प्रदेश के कई शहरों, स्थानों और रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की एक श्रृंखला का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि यह कदम स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने और लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ने में मदद करेगा। इन रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने से न केवल इन स्टेशनों की पहचान बदलेगी, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए गर्व का स्रोत भी बनेगा, जो अपनी संस्कृति और विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने में सक्षम होंगे।

उत्तर प्रदेश के 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले

उत्तर प्रदेश में हाल ही में आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए हैं। यह फैसला उत्तर रेलवे (Northern Railways) के लखनऊ मंडल (Lucknow division) के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों के लिए लिया गया है। इन स्टेशनों के नाम परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय संस्कृति, इतिहास और धार्मिक महत्व को बढ़ावा देना है। यह कदम उन क्षेत्रों की पहचान को मजबूत करने और उन्हें एक नया गौरव प्रदान करने का प्रयास है।

यहां उन रेलवे स्टेशनों की सूची दी गई है जिनके नाम बदले गए हैं:

  • कासिमपुर हॉल्ट (Kasimpur Halt) अब जैस सिटी (Jais City) के नाम से जाना जाएगा।
  • जैस (Jais) का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ धाम (Guru Gorakhnath Dham) कर दिया गया है।
  • मिसरौली (Misrauli) अब मां कालीकन धाम (Maa Kalikan Dham) के नाम से जाना जाएगा।
  • बनी (Bani) को अब स्वामी परमहंस (Swami Paramhans) के नाम से जाना जाएगा।
  • निहालगढ़ (Nihalgarh) का नाम बदलकर महाराजा बिजली पासी (Maharaja Bijli Pasi) कर दिया गया है।
  • अकबरगंज (Akbarganj) अब मां अहोरवा भवानी धाम (Maa Ahorva Bhawani Dham) के नाम से जाना जाएगा।
  • वज़ीरगंज हॉल्ट (Wazirganj Halt) को अब अमर शहीद भाले सुल्तान (Amar Shaheed Bhale Sultan) के नाम से जाना जाएगा।
  • फुरसतगंज (Fursatganj) का नाम बदलकर टपेश्वरनाथ धाम (Tapeshwarnath Dham) कर दिया गया है।

यह नाम परिवर्तन स्मृति ईरानी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और अमेठी सांसद, द्वारा की गई मांग के बाद किया गया है। उनका उद्देश्य इन स्थानों की सांस्कृतिक पहचान और विरासत को संरक्षित करना था।

नाम परिवर्तन

विशेषताविवरण
कुल स्टेशन8
किस मंडल मेंलखनऊ मंडल, उत्तर रेलवे (Lucknow Division, Northern Railways)
नाम परिवर्तन का कारणस्थानीय संस्कृति, इतिहास, और धार्मिक महत्व को बढ़ावा देना
किसने प्रस्ताव रखास्मृति ईरानी, पूर्व अमेठी सांसद (Smriti Irani, Former MP from Amethi)
मुख्य उद्देश्यसांस्कृतिक पहचान और विरासत का संरक्षण
आदेश जारीकर्ताउत्तर रेलवे (Northern Railways)
यात्री सूचनारेलवे स्टेशनों के संख्यात्मक कोड (Numerical Codes) में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
अतिरिक्त जानकारीयह कदम उत्तर प्रदेश सरकार की स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने की पहल का हिस्सा है।

किस स्टेशन का क्या नाम बदला गया है

  1. कासिमपुर हॉल्ट (Kasimpur Halt) – जैस सिटी (Jais City): कासिमपुर हॉल्ट, जो अब जैस सिटी के नाम से जाना जाएगा, एक महत्वपूर्ण स्टेशन है जो स्थानीय यात्रियों के लिए सुविधाजनक है। यह नाम परिवर्तन स्टेशन को एक नई पहचान देगा और इसे शहर के नाम के साथ जोड़ेगा।
  2. जैस (Jais) – गुरु गोरखनाथ धाम (Guru Gorakhnath Dham): जैस स्टेशन का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ धाम रखने का फैसला धार्मिक महत्व को दर्शाता है। गुरु गोरखनाथ एक प्रसिद्ध संत थे, और उनके नाम पर स्टेशन का नामकरण इस क्षेत्र के लोगों के लिए श्रद्धा का प्रतीक है।
  3. मिसरौली (Misrauli) – मां कालीकन धाम (Maa Kalikan Dham): मिसरौली स्टेशन का नाम बदलकर मां कालीकन धाम रखने का निर्णय स्थानीय देवी के प्रति सम्मान को दर्शाता है। यह नाम परिवर्तन स्टेशन को एक धार्मिक पहचान देगा और श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा।
  4. बनी (Bani) – स्वामी परमहंस (Swami Paramhans): बनी स्टेशन, जिसे अब स्वामी परमहंस के नाम से जाना जाएगा, एक और महत्वपूर्ण स्टेशन है जिसका नाम एक प्रसिद्ध संत के नाम पर रखा गया है। यह नाम परिवर्तन स्टेशन को आध्यात्मिक महत्व देगा।
  5. निहालगढ़ (Nihalgarh) – महाराजा बिजली पासी (Maharaja Bijli Pasi): निहालगढ़ स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा बिजली पासी रखने का फैसला स्थानीय इतिहास और संस्कृति को सम्मान देता है। महाराजा बिजली पासी एक ऐतिहासिक व्यक्ति थे, और उनके नाम पर स्टेशन का नामकरण स्थानीय लोगों के लिए गर्व का विषय है।
  6. अकबरगंज (Akbarganj) – मां अहोरवा भवानी धाम (Maa Ahorva Bhawani Dham): अकबरगंज स्टेशन का नाम बदलकर मां अहोरवा भवानी धाम रखने का निर्णय धार्मिक भावनाओं को दर्शाता है। मां अहोरवा भवानी एक स्थानीय देवी हैं, और उनके नाम पर स्टेशन का नामकरण श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है।
  7. वज़ीरगंज हॉल्ट (Wazirganj Halt) – अमर शहीद भाले सुल्तान (Amar Shaheed Bhale Sultan): वज़ीरगंज हॉल्ट का नाम बदलकर अमर शहीद भाले सुल्तान रखने का फैसला स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान को दर्शाता है। भाले सुल्तान एक शहीद थे, और उनके नाम पर स्टेशन का नामकरण देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देता है।
  8. फुरसतगंज (Fursatganj) – टपेश्वरनाथ धाम (Tapeshwarnath Dham): फुरसतगंज स्टेशन का नाम बदलकर टपेश्वरनाथ धाम रखने का निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। टपेश्वरनाथ एक प्रसिद्ध मंदिर है, और इसके नाम पर स्टेशन का नामकरण यात्रियों को इस क्षेत्र की धार्मिक विरासत से जोड़ेगा।


नाम परिवर्तन के बाद

नाम परिवर्तन के बाद, इन स्टेशनों के संख्यात्मक कोड (numerical codes) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि रेलवे के रिकॉर्ड में और टिकट बुकिंग प्रणाली में इन स्टेशनों की पहचान पहले की तरह ही रहेगी। यात्रियों को केवल नए नामों को ध्यान में रखना होगा जब वे इन स्टेशनों की यात्रा करेंगे।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि इन स्टेशनों के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव पूर्व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने रखा था। उन्होंने इस मुद्दे को उठाया क्योंकि उनका मानना था कि इन स्टेशनों के नाम स्थानीय संस्कृति और विरासत को प्रतिबिंबित करने चाहिए। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश सरकार ने इन स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला किया।

अखिलेश यादव का रिएक्शन

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस नाम परिवर्तन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को न केवल रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने चाहिए, बल्कि उनकी स्थिति में भी सुधार करना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि नाम परिवर्तन के बाद सरकार को रेलवे दुर्घटनाओं को रोकने पर ध्यान देना चाहिए।

मुंबई के रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदल गए

इसी तरह, महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में भी आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला किया है। इन स्टेशनों के नाम ब्रिटिश काल में हैं, और सरकार उन्हें स्थानीय नायकों और स्थानों के नाम पर बदलने की योजना बना रही है।

मुंबई में जिन स्टेशनों के नाम बदले जाएंगे, उनमें शामिल हैं:

  • मुंबई सेंट्रल – जगन्नाथ शंकर सेठ
  • करी रोड – लालबाग
  • सैंडहर्स्ट रोड – डोंगरी
  • मरीन लाइन्स – मुंबा देवी
  • चर्नी रोड – गिरगांव
  • कॉटन ग्रीन – ब्लैक चौकी
  • किंग्स सर्कल – तीर्थंकर पार्श्वनाथ
  • डॉकयार्ड रोड – माज़गांव

यह कदम महाराष्ट्र सरकार की स्थानीय संस्कृति और इतिहास को संरक्षित करने की दिशा में एक और प्रयास है।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यह नाम परिवर्तन न केवल इन स्टेशनों को एक नई पहचान देगा, बल्कि यात्रियों को इस क्षेत्र के इतिहास और संस्कृति के बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित करेगा।

सरकार को अब इन स्टेशनों की स्थिति में सुधार करने और रेलवे दुर्घटनाओं को रोकने पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिल सके।

अस्वीकरण: रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का यह कदम पूरी तरह वास्तविक है और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है। इसका उद्देश्य स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देना है।

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